Soil health card मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लिए अप्लाई , मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लाभ
मृदा स्वास्थ्य कार्ड मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों और उसकी उर्वरता के बारे में पता करने में मददगार है। यह विभिन्न पोषक तत्वों पर आधारित जानकारी देगा उचित उर्वरक की मात्रा का पता करके मिट्टी की उर्वरता और फसल के उत्पादन में बढ़ोतरी की जा सकती है।इस कार्ड की मदद से खेत की मिट्टी के में बारे में विश्लेषण कर खेत की मिट्टी में विशिष्ट पोषक तत्वों की कमी को संतुलित कर अच्छी उपज ली जा सकती है।
देश के सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने के लिए राज्य सरकारों की सहायता के लिए वर्ष 2014-15 में मृदा स्वास्थ्य कार्ड (soil health card) योजना शुरू की गई थी। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को वर्ष 2022-23 से मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता नाम के तहत इसके एक घटक के रूप में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में विलय कर दिया गया है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड से एकत्रित किए गए सैंपल से हमें मिट्टी के स्थिति का आकलन करने में आसानी रहेगी जिसे हम पैदावार बढ़ा सकते हैं तथा किसानों को दुगना फायदा दे सकते हैं।
मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना का सामान्य विवरण
योजना का नाम | सॉइल हेल्थ कार्ड योजना |
किसके द्वारा शुरू की | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा |
योजना का प्रकार | केंद्र सरकार व राज्य सरकार |
योजना का प्रारंभ | वर्ष 2015 में शुरू की गई 2023 में इसका नाम मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता |
लाभार्थी | किसान |
उद्देश्य | मिट्टी की क्षमता जानकर उपज को बढ़ाने में किसानों की मदद करना |
विभाग | कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय |
ऑफिशल वेबसाइट | https://soilhealth.dac.gov.in/home |
सॉइल हेल्थ कार्ड की विशेषता
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना केंद्र के द्वारा चलाई जा रही स्कीम है जिसका फायदा पूरा देश का किसान उठा रहा है।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को हर 3 साल में जारी किया जाएगा। जिसमें किसानों की जमीन की मिट्टी के बारे में सारी जानकारी होगी।
सॉइल हेल्थ कार्ड के फायदे
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- सॉइल हेल्थ कार्ड की मदद से किसान अपनी भूमि की स्थिति के बारे में पता कर पाएंगे।
- सॉइल हेल्थ कार्ड की मदद से किसान यह पता कर पाएंगे कि उनकी जमीन में कौनसे पोषक तत्व की कमी है जिसको पूरा करके वह उपज को बढ़ा सकते हैं।
- इसकी मदद से मिट्टी के क्षरण को रोकने में भी मदद मिलेगी।
- खाद का अनावश्यक रूप से उपयोग मे भी कमी आएगी।
- इसकी मदद से प्रयोगशाला में मिट्टी के नमूनों का नियमित रूप से परीक्षण किया जाएगा जिससे किसानों में मिट्टी में होने वाले परिवर्तनों को ट्रैक कर सके उपज को बढ़ा सकेंगे।
Soil Health Card आवेदन की प्रक्रिया
मृदा स्वास्थ्य कार्ड में आवेदन करने की निम्न प्रक्रिया है:-
- सबसे पहले आवेदक soil health card ऑफिशल वेबसाइट पर क्लिक करेगा तो सर्वप्रथम उसे होम पेज दिखाई देगा।
- ऑफिशल वेबसाइट पर जाने के बाद अपने अनुसार भाषा चुन सकते हैं हिंदी और इंग्लिश में से फिर उसके बाद लॉगिन पर क्लिक करना है।
- लॉगिन पर क्लिक करने के बाद एक एक बॉक्स खुलेगा जिसमें से आपको सेंट्रल, स्टेट और जिला या अन्य यूजर के रूप में चुनना पड़ेगा।
- इस नए पेज पर यूजर रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करना करना है जिसे रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जाएगा।
- इस फॉर्म में दी गई सारी जानकारी भरने के बाद सबमिट पर क्लिक करें इस प्रकार आप का रजिस्ट्रेशन फॉर्म भर जाएगा।
सॉइल हेल्थ कार्ड को प्रिंट कैसे करें
सॉइल हेल्थ कार्ड का प्रिंट निकालने की प्रक्रिया निम्न प्रकार है:-
- सबसे पहले हम ऑफिशल वेबसाइट पर जाएंगे जिस होम पेज खुलेगा।
- उसके बाद नीचे की तरफ जाकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड को प्रिंट करें कि ऑप्शन पर क्लिक करेंगे।
PM-KISAN SAMMAN NIDHI SCHEME 2022 Benefit FOR POOR FARMERS
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रिंट करें पर क्लिक करने के बाद एक पेज और खुलेगा जिसमें हम सारी जानकारी डालकर अपनी स्थिति का पता लगा सकते हैं और उसे प्रिंट कर सकते हैं।
इस प्रकार हम मृदा स्वास्थ्य कार्ड को प्रिंट कर सकते हैं।
सामान्य प्रश्न
प्रश्न:-सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम क्या है?
उत्तर:-सॉइल हेल्थ कार्ड योजना भारत सरकार द्वारा चलाई गई योजना है। जो प्रत्येक किसानों को उनके खेत की मिट्टी के पोषक तत्वों की स्थिति के बारे में जानकारी देकर तथा सही उर्वरकों का उपयोग करने के बारे में बताती है।
प्रश्न:- क्या हर साल सॉइल हेल्थ कार्ड बनवाना पड़ेगा?
उत्तर:-सॉइल हेल्थ कार्ड/मृदा स्वास्थ्य कार्ड हर 3 साल के अंतराल में उपलब्ध कराया जाएगा।